विद्युत चतुर ध्रुव क्या है
Answers
Answer:
Explanation:
दो बराबर परन्तु विपरीत प्रकार के बिन्दु आवेश एक-दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैं। किसी एक आवेश तथा दोनो आवेशों के बीच की दूरी के गुणनफल को वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण'p' कहते हैं।
वास्तव में वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण उस निकाय में हुए आवेशों के ध्रुवीकरण को मापता है और इसकी इकाई कूलॉम-मीटर है।
प्रकृति मे विभिन्न स्थितियों मे वैद्युत द्विध्रुव प्रकट होता है। दोनो आवेशो को मिलाने वाली रेखा को द्विध्रुव की अक्ष कहते हैं। यदि वैद्युत द्विध्रुव के दोनो आवेश -q तथा +q कूलॉम हों तथा उनके बीच की दूरी 2a मीटर हो, तब वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण ( p = q.2a) होता है।
वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश है जिसकी दिशा प्रायः ऋणात्मक आवेश से धनात्मक आवेश की ओर होती है |
वैधुत द्विध्रुव= ऐसा निकाय जिसमे दो बराबर परन्तु विपरीत प्रकार के आवेश {+q or-q } एक दूसरे से 2a m दूरी पर हो तो उसे वैधुत द्विध्रुव कहलाते हैं।
हमसे सवाल पूछा जाता है कि विद्युत चतुर ध्रुव क्या है I
- एक विद्युत "ध्रुव" किसी दिए गए परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या द्वारा निर्धारित विद्युत आवेश का वर्णन करता है I
- विद्युत चतुर ध्रुव को बिजली का खंभा भी कह सकते है I
- उन्हें तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है अर्थात्;
- स्पर्शरेखा वितरण ध्रुव,
- मानवयुक्त वितरण ध्रुव, और
- स्वावलंबी वितरण ध्रुव।
PROJECT CODE: #SPJ3