विद्युत प्रवाह के कारण ऊष्मा, ध्वनि इत्यादि कैसे उत्पन्न होती है?
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विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव — जब किसी ऐसे तार में जो विद्युत धारा के लिए सुचालक हो, यदि उसमें विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह तार अत्याधिक गर्म हो जाता है। ये उस तार में उत्पन्न ऊष्मा के कारण होता है। इसे विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव कहते हैं। विद्युत हीटर इसी सिद्धांत पर कार्य करता है।
विद्युत धारा का चुबंकीय प्रभाव — लोहे की एक छड़ पर विद्युत रोधी तार के कई फेरे लपेटकर एक कुंडली बनाई जाती है। इस कुंडली के पास एक पतली सी लोहे की पत्ती लगी होती है। इस लोहे की छड़ वाली कुंडली और पत्ती के चारों तरफ लोहे या स्टील का एक कवच होता है। जब इस कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो कुंडली के चारों तरफ विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव बन जाता है और वह लोहे की छड़ विद्युत चुंबक बन जाती है। इस कारण उसके पास लगी लोहे की पत्ती कुंडली की ओर आकर्षित होती है, जिससे लोहे की पत्ती घंटी अपने चारों तरफ के कवच से टकराकर ध्वनि उत्पन्न करती है।