विद्युत धारा के तापीय प्रभाव से आप क्या समझते हैं उदाहरण सहित बताइए
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loda le lo
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विद्युत धारा का तापीय प्रभाव:
जब किसी विद्युत उपकरण को उपयोग में लाने हेतु विद्युत श्रोत से जोड़ा जाता है, तो उसमें विद्युत धारा अर्थात इलेक्ट्रॉन प्रवाहित होने लगती है। उपकरण को कार्य करने के लिये लगातार विद्युत उर्जा के आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
विद्युत धारा बनाए रखने में, खर्च हुई श्रोत की उर्जा का कुछ भाग उपयोगी कार्य करने, जैसे पंखे के ब्लेड को घुमाने आदि, में उपयोग होता है तथा उर्जा का शेष भाग उष्मा उत्पन्न करने में खर्च होता है, जो उपकरण की ताप में बृद्धि करता है। उदारण के लिय जब कोई विद्युत पंखा थोड़ी देर चलता है तो वह गर्म हो जाता है।
इसके विपरीत यदि विद्युत परिपथ विशुद्ध रूप से संयोजित है तो श्रोत की उर्जा निरंतर पूर्ण रूप से उर्जा के रूप में क्षयित होती रहती है, इसे विद्युत का तापीय प्रभाव कहते हैं। विद्युत के तापीय प्रभाव का उपयोग, विद्युत हीटर, विद्युत इस्तरी आदि में दिया जाता है।
विद्युत उर्जा का उपयोग सीधे तौर पर नहीं किया जा सकता है, बल्कि विद्युत उर्जा के उपयोग के लिये या तो उसे यांत्रिकी उर्जा या प्रकाश उर्जा या उष्मा उर्जा में बदलना होता है।
अत: विद्युत उर्जा का उष्मा उर्जा में परिवर्तन विद्युत का तापीय प्रभाव कहलाता है।
दूसरे शब्दों में विद्युत उर्जा के प्रतिरोधक में प्रवाहित होने से उसके क्षय के कारण ताप उर्जा का उत्पन्न होना विद्युत का तापीय प्रभाव कहलाता है।
Hope, its helpful
जब किसी विद्युत उपकरण को उपयोग में लाने हेतु विद्युत श्रोत से जोड़ा जाता है, तो उसमें विद्युत धारा अर्थात इलेक्ट्रॉन प्रवाहित होने लगती है। उपकरण को कार्य करने के लिये लगातार विद्युत उर्जा के आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
विद्युत धारा बनाए रखने में, खर्च हुई श्रोत की उर्जा का कुछ भाग उपयोगी कार्य करने, जैसे पंखे के ब्लेड को घुमाने आदि, में उपयोग होता है तथा उर्जा का शेष भाग उष्मा उत्पन्न करने में खर्च होता है, जो उपकरण की ताप में बृद्धि करता है। उदारण के लिय जब कोई विद्युत पंखा थोड़ी देर चलता है तो वह गर्म हो जाता है।
इसके विपरीत यदि विद्युत परिपथ विशुद्ध रूप से संयोजित है तो श्रोत की उर्जा निरंतर पूर्ण रूप से उर्जा के रूप में क्षयित होती रहती है, इसे विद्युत का तापीय प्रभाव कहते हैं। विद्युत के तापीय प्रभाव का उपयोग, विद्युत हीटर, विद्युत इस्तरी आदि में दिया जाता है।
विद्युत उर्जा का उपयोग सीधे तौर पर नहीं किया जा सकता है, बल्कि विद्युत उर्जा के उपयोग के लिये या तो उसे यांत्रिकी उर्जा या प्रकाश उर्जा या उष्मा उर्जा में बदलना होता है।
अत: विद्युत उर्जा का उष्मा उर्जा में परिवर्तन विद्युत का तापीय प्रभाव कहलाता है।
दूसरे शब्दों में विद्युत उर्जा के प्रतिरोधक में प्रवाहित होने से उसके क्षय के कारण ताप उर्जा का उत्पन्न होना विद्युत का तापीय प्रभाव कहलाता है।
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