विद्युत धारावाही चालक के इर्द-गिर्द चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे l
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विद्युत धारा प्रवाहित कर रही परिनालिका के इर्द-गिर्द चुम्बकीय क्षेत्र का प्रेक्षण।
सिद्धांत:
पास-पास लिपटे विद्युतरोधी ताम्बे के तार की बेलन की आकृति की अनेक फेरों वाली कुंडली को परिनालिका कहते हैं।
एक विद्युत धारावाही परिनालिका के कारण उसके चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं का पैटर्न चित्र 1 में दर्शाया गया है।
इस क्षेत्र का पैटर्न एक छड़ चुम्बक के इर्द-गिर्द चुम्बकीय क्षेत्र के समान है। परिनालिका का एक सिरा चुम्बकीय उत्तर ध्रुव तथा दूसरा सिरा दक्षिण ध्रुव की भांति व्यवहार करता है।
परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं समांतर सरल रेखाओं की भांति होती हैं। यह दर्शाता है कि किसी परिनालिका के भीतर सभी बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र समान होता है।अर्थात परिनालिका के भीतर एक समान चुम्बकीय क्षेत्र होता है।
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