Hindi, asked by pratiksingh1731, 22 hours ago

विद्या धन उद्यम बिना कहो जो पावे कौन बिना बुलाए ना मिले जय पंखा की पार्न अर्थ​

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Answered by 31aliahmedzahidshaik
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Answer:

बिना डुलाए ना मिले ज्यों पंखा की पौन॥ भावार्थ: वृंद कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

Answered by COMMANDED
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बिना डुलाए ना मिले ज्यों पंखा की पौन॥ भावार्थ: वृंद कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

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