विद्या-धन उद्यम बिना, कहो जु पावै कौन।
बिना डुलाए ना मिले, ज्यों पंखा की पौन ॥Answer in English
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बिना डुलाये ना मिलै, ज्यौं पंखा की पौन।। वृंदजी कहते हैं कि दुनिया में विद्या धन प्राप्त करने के लिए श्रम करना पड़ता है। हाथ से हिलाए बिना पंखे की हवा भी नहीं मिलती, जबकि यह बहुत ही छोटा सा काम है। उसी तरह धन और विद्या अनयास चीज़ें नहीं है, उन्हें प्राप्त करने के लिए मेहनत करना अनिवार्य है।
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