Hindi, asked by Anonymous, 2 months ago

विद्या धन उद्यम बिना, कहौ जू पावे कौन।
बिना डुलाये न मिले, ज्यौं पंखा को पौन॥
इसका अर्थ बताओ।​

Answers

Answered by adityapratapsingh98
3

Answer:

वृंद कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

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Answered by khushisaini3054
2

Answer:

बिना डुलाए ना मिले ज्यों पंखा की पौन॥ भावार्थ: वृंद कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

Explanation:

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