Hindi, asked by snjeevverma3008, 1 day ago

विद्या धन उद्यम बिना, कहौ जु पावै कौन। बिना डुलाए ना मिलै, ज्यौं पंखा का पौन।

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Answered by kartikey9001
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Answer: भावार्थ: वृंद कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

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