Hindi, asked by chandabatipal, 7 months ago

विद्यर्थी जीिि ही िह सम् है जजसमें बच्चों के चररत्र व््िहयर तर्थय आचरण को जैसय चयहे िैसय रुप दि्य जय सकतय है । िह अिस्र्थय भयिी िक्षृ की उस कोमि शयिय की भयांनत हैंजजसे जजधर चयहे मोडय जय सकतय है ।विकलसत िक्षृ की शयियओां को मोडिय सांभि िहीां, उन्हें मोडिे कय प्र्यस करिे पर भी टूट तो सकती हैंपर मुड िहीां सकती ।छयत्रयिस्र्थय उस श्िेत चयिर की तरह होती है , जजसमें जैसय प्रभयि डयििय हो, डयिय जय सकतय है । सफेि चयिर पर एक बयर जो रांग चढ़ ग्य ; सो चढ़ ग्य फफर से िह पूियािस्र्थय को प्रयप्त िहीां हो सकती । इसलिए प्रयचीि कयि से ही विद्यर्थी जीिि के महत्ि को स्िीकयर फक्य ग्य है। इसी अिस्र्थय में सुसांस्कयर और सदिवृत्त्यां पोवित की जय सकती हैं। इसलिए प्रयचीि सम् में बयिक को घर से िरू गुरुकुि में रहकर कठोर अिुशयसि कय पयिि करिय होतय र्थय।

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Answered by yashthakur3940
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Answer:

पप

Explanation:

वरनपकपुगिॆिहिबचंबचमजमबमुमहटितिमटनगु

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