वंदना श्लोक in संस्कृत
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शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं । वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् । हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां वन्दे ताम् परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्
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माँ सरस्वती वंदना तो हर किसी को आती हैं लेकिन उसका अर्थ कई लोगों को पता नहीं होता, आपने आपने आर्टिकल में माँ सरस्वती वंदना अर्थसहित बताकर सबका ज्ञान बड़ संस्कृत श्लोक 8: येषां न विद्या न तपो न दानं ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः !
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@aaliasharma...
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