वैध चिन्तन की अनुकूलन और प्रतिकूल परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
Answers
Answered by
0
Answer:
यह जरूरी नहीं कि हम जिन्हें पसंद करते हों, उन्हीं के साथ हमारा ज्यादा वक्त बीतता हो। बल्कि उलटा ही होता है। जीवन की जरूरतों और दबावों के कारण हमें ज्यादा समय उनके साथ गुजारना पड़ता है, जिन्हें हम आमतौर पर नापसंद करते हैं। हमें उन लोगों से निरंतर संवाद बनाना पड़ता है, मिलना-जुलना पड़ता है जिनके विचार से, जिनकी कार्यप्रणाली से हम सहमत नहीं होते या जिनकी कुछ आदतें हमें चिढ़ाती हैं। लेकिन परिस्थितियां हमें उनके साथ ला खड़ा करती हैं।
Similar questions