Hindi, asked by sohailgchaudhary15, 5 months ago

विधा, कला, कौशल के प्रथम आचार्य कोन थे

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Answered by Zayn009
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शब्दार्थ – पुण्यभूमि = पवित्र स्थान। आर्य = श्रेष्ठ, एक जाति। आचार्य = शिक्षक। अधोगति = पतन। उच्चता = ऊँचापन।

सन्दर्भ तथा प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘भारत की श्रेष्ठता’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हैं। गुप्त जी भारत के अतीत कालीन गौरव के गायक हैं। भारत संसार का प्राचीनतम तथा श्रेष्ठतम देश है। यहाँ के निवासी विद्वान तथा कला-कौशल में दक्ष थे।

व्याख्या – कवि कहता है कि भारत संसार का प्रसिद्ध पावन स्थल है। इस देश के रहने वाले आर्य कहलाते हैं। आर्य श्रेष्ठ मनुष्य को कहते हैं। वे महान् विद्वान थे तथा अनेक विधाओं और कलाओं के शिक्षक थे। सर्वप्रथम उन्होंने ही संसार को सुशिक्षित बनाया था तथा कला-कौशल की शिक्षा दी थी। हम उन्हीं आर्यों की संतान हैं। यद्यपि आज हमारा पतन हो गया, किन्तु अब भी उनकी श्रेष्ठता और ऊँचेपन की अनेक पहचान संसार में बाकी हैं।

विशेष –

यह कविता ‘ भारत भारती’ से ली गई है।

कवि ने भारत तथा उसके निवासियों की श्रेष्ठता का वर्णन किया है।

भाषा सरल है तथा भावों की व्यंजना में समर्थ है।

अनुप्रास अलंकार व वीर रस है

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