Hindi, asked by kashmir8924, 1 year ago

विध्या के वासी उदासी तपो ब्रत धारी माहा बिनु नारी दुखारे
गौतम तिय तरि तुलसी सो कथा सुनि भी मुनि बृंद सुखारे।।
ह्वें हैं सिला सब चंद्रमुखी परसे पद मंजुल कंज तिहारे।
कीन्हीं भली रघुनायक जू ! करुणा करि कानन के पगु धारे

ME HASYA RAS KIS PRAKAAR HAI????

Answers

Answered by HellostudyFriend
26

रामचंद्र जी विंध्य पर्वत पे आ रहे हैं , सुन सारे तपस्वी प्रस्सन्न हो गए ये सोच के की जब प्रभु एक पत्थर को नारी बना सकते है तो यहाँ तो सब पत्थर ही पत्थर है . कौन जाने हम योगियों की भी चांदी हो जाये इस निर्जन वन में .

This is the meaning as I found on Google. From the meaning you can conclude that it has hasya ras.

Answered by shayujya
6

Answer:

विंध्य के वासी उदासी तपोव्रत धारी महा बिनु नारि दुखारे' पंक्ति में हास्य रस है। हास्य रस की परिभाषा अनुसार – काव्य में किसी की विचित्र वेशभूषा, चेष्टा, कथन आदि हंसी उत्पन्न करने वाले कार्यों का वर्णन 'हास्य रस' कहलाता है। सामान्य हिंदी के अन्तर्गत रस संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। जो आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड., आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी होते है। ....और आगे पढ़ें.

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