विवेकानंद ने क्या सपना देखा था
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कोलकाता. पूर्व राज्यपाल तथा वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत राय ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद ने ही सबसे पहले बंगाल की धरती से विश्व में हिंदुत्व व हिंदू धर्म की संप्रभुता का सपना देखा था। गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस एवं माता शारदा के आशीर्वाद से सिर्फ 39 साल की उम्र में स्वामी ने विश्वभ्रमण शुरू कर हिंदुत्व एवं हिंदू धर्म के बारे में विश्व को बताया। वे शिकागो की विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के भाषण की 127 वीं वर्षगांठ पर कोलकाता स्थित उनके पैतृक आवास विवेकानंद भवन में आयोजित अंतराष्ट्रीय वेबिनार में बोल रहे थे। राय ने स्वामी विवेकानंद आवास स्थित विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसका आयोजन रामकृष्ण मठ हालासूर बेंग्लूरु और पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य देशों में किया गया, जिसमें भारत और अमेरिका के साथ विश्व के विभिन्न देशों के गणमान्य लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। इसका आयोजन स्वदेशी संगठन सहित नौ राष्ट्रवादी संगठनों ने किया था।
रॉय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म के प्रचार और प्रसार के साथ समाज सेवा के लिए ही रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। भारत के साथ विश्व के विभिन्न देशों में यह संगठन धर्म व समाजसेवा के प्रचार व प्रसार में अग्रसर है। शिकागो धर्म संसद हिंदुत्व के प्रचार और प्रसार की नींव की ईंट साबित हुई, जो आज भी गूंज रही है। हमारा मुख्य उद्देश्य स्वामीजी के आदर्शों पर चलना होना चाहिए। समारोह में रामकृष्ण मठ, स्वदेशी संगठन और विभिन्न राष्ट्रवादी संगठनों के पदाधिकारी, बीजेएमटीयूसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर मंडल, राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता पांचू गुप्ता सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रीतम गुप्ता ने कहा कि स्वामी जी की जन्मभूमि तो बंगाल रही, लेकिन उनकी कर्मभूमि व्यापक रही।
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भारत को आधुनिक बनाने का सपना देखा।
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