विवेकानंद विद्या निकेतन, असंध 5: विषय-हिंदी (कक्षा-9:) आवधिक परीक्षण,जून 2021 अधिकतम अंक-40 1.अपठित पद्यांश पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए - पाकटी अफ कागरिया र ति थर को दि अर म । न । एका सिसि लवी निधि के सुख नद की गाइ बराह विस्तार ।। समान का न आखिन सौ नग के वन शग साग निहा। । कतयात के थाम करीत के मन पर चारी i) रसखान जी श्री कृष्ण की लाठी और कंबल बनने के बदले में क्या त्यागने को तैयार है? ii) रसखान जी आठों सिद्धियां और नौ निधि के सुख को क्या चराने के बदले में भूलने को तैयार हैं? ii) रसखान जी अपनी आंखों से ब्रज के क्या निहारने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं? iv) रसखान जी कांटेदार झाड़ियां बनने के बदले में क्या निछावर करने को तैयार हैं? v) रसखान जी का ब्रजभूमि के प्रति इतना लगाव होने का क्या कारण है?
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स्वामी विवेकानन्द बचपन में अपना समय कैसे बिताते थे?
उत्तर 1. स्वामी विवेकानंद बचपन में अपना समय पशु-पक्षी, गाय, मोर, बकरी, कबूतर आदि के साथ बिताते थे।
2. विवेकानन्द जी के माता-पिता का नाम क्या था?
उत्तर 2. उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी तथा पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था।
3. स्वामी विवेकानन्द को गुरु के दर्शन कैसे हुए?
उत्तर 3. स्वामी विवेकानंद को गंगा तट पर स्थित काली के सुप्रसिद्ध मंदिर दक्षिणेश्वर में गुरु के दर्शन हुए।
4. विवेकानन्द ने अपना भाषण अमेरिका के किस शहर में दिया?
उत्तर 4. विवेकानंद ने अपना भाषण अमेरिका के शिकागो शहर में दिया।
2. लघु उत्तरीय प्रश्न :
निर्देश-निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
1. स्वामी विवेकानन्द का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर 1. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 ईस्वी को भारत के कोलकाता शहर में हुआ था।
2. स्वामी विवेकानन्द को अपने प्रश्न का समाधान कैसे मिला?
उत्तर 2. विवेकानंद जी अपना प्रश्न लेकर रामकृष्ण परमहंस के पास गए और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने कहा "हाँ मैंने ईश्वर को देखा है ठीक वैसे ही जैसे कि मैं तुम्हें देख रहा हूं" ।
3. स्वामी विवेकानन्द को रामकृष्ण परमहंस ने क्या कहकर अपना उत्तराधिकारी बनाया?
उत्तर 3. उन्होंने कहा आज सब कुछ तुम्हें देकर मैं रंक बन गया हूं मैंने योग द्वारा शक्ति को तुम्हारे अंदर प्रविष्ट कराया है जिससे तुम महान कार्य करोगे।
4. स्वामी विवेकानन्द को देश सेवा प्रेरणा कैसे मिली?
उत्तर 4. विवेकानंद जी समुद्री की एक चट्टान पर तपस्या में लीन हो गए जहां उन्हें दिव्य अनुभूति प्राप्त हुई और उन्होंने देश सेवा का निर्णय लिया।