व्यंजन वर्ण को लिखने और बोलने में स्वर् का क्या उपयोग है
Answers
Explanation:
जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता हो और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक हों वे स्वर कहलाते है। ये संख्या में ग्यारह हैं-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
उच्चारण के समय की दृष्टि से स्वर के तीन भेद किए गए हैं-
ह्रस्व स्वर।
दीर्घ स्वर।
प्लुत स्वर।
ह्रस्व स्वर-
जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
दीर्घ स्वर-
जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। ये हिन्दी में सात हैं- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
प्लुत स्वर-
जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्रायः इनका प्रयोग दूर से बुलाने में किया जाता है
व्यंजन:-
जिन वर्णों के पूर्ण उच्चारण के लिए स्वरों की सहायता ली जाती है वे व्यंजन कहलाते हैं। अर्थात् व्यंजन बिना स्वरों की सहायता के बोले ही नहीं जा सकते। ये संख्या में ३३ हैं। इसके निम्नलिखित तीन भेद हैं:
१. स्पर्श
२. अंतःस्थ
३. ऊष्म
व्यंजन कैसे लिखते है?
स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है?
स्वर वर्ण और व्यंजन वर्ण में क्या अंतर है?
मूल रूप से स्वर कितने होते हैं?
हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर कितने व्यंजन हैं?
पहले ही साधना तिवारी जी ने इस प्रश्न / सवाल का एक बहुत ही अच्छा उत्तर लिखा हुआ है.
फिर भी और अधिक जानकारी पाने के लिए इसे देखें:
इसके उपरान्त भी यदि आपकी इच्छा हो यानि रूचि हो तो हिन्दी भाषा में ही हिन्दी भाषा की व्याकरण (ग्रामर) के बारे में ऐसी अनेक वेबसाइट्स उपलब्ध हैं, इनमें से चुन कर अच्छे लेखों को पढ़ें:
अथवा यह :
या यह:
किसी भी भाषा के लिखित रूप के लिए कुछ चिह्न निर्धारित होते हैं जिसे लिपि कहा जाता है। भाषा की सबसे छोटी ध्वनि को वर्ण कहते हैं। वर्णों के क्रमबद्ध और व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्णों से शब्द और शब्दों से वाक्य बनते हैं। वर्णमाला के दो प्रकार होते हैं -
1 - स्वर(vowels)
2-व्यंजन(consonants)
जिन वर्णों के उच्चारण में किसी अन्य वर्ण की सहायता न लेनी पड़े उन्हें स्वर कहते हैं। जैसे - अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ
जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता लेनी पड़े उन्हें व्यंजन कहा जाता है। जैसे - क ख ग घ आदि।
जिन वर्ण का उच्चारण बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से होता है,उसे स्वर वर्ण कहते हैं। यथा अ,आ…..औ ।
इनकी संख्या संस्कृत मे 13 हैं तथा हिंदी में ग्यारह हैं। यथाः-
अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ,
इनमें अ,इ,उ और ऋ मूल स्वर हैं।
स्वर के तीन भेदः-
हृस्व,दीर्घ, प्लुत।
प्लुत स्वर के उच्चारण में मूल स्वरों तिगुना समय लगता है। जैसे-ओ३म् ।
व्यंजन-जिन वर्णों के उच्चारण में हमारी साँस मुख के किसी अवयव से बाधित होती है, उन्हें व्यंजन कहते हैं।ये व्यंजन स्वर की सहायता से ही बोले जाते हैं।जैसे -क्+अ=क ।
हिंदी में ३३व्यंजन हैं।
हिंदी में स्वरों की संख्या 11 होती है। कौन-कौन सी होती है?
वर्णमाला में कितने स्वर होते हैं?
स्वर और व्यंजनों के बीच क्या अंतर है?
7 व्यंजन (consonants) और 4 स्वरों (vowels) में से, 3 व्यंजन और 2 स्वरों के कितने शब्द बन सकते हैं?
स्वर कैसे बनते हैं?
. स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण स्वतंत्रता से होता है और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक होते हैं जैसे : अ, इ, उ, ए इत्यादि। हिंदी में स्वर 11 है
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, एे, ओ, औ।
व्यंजन वे वर्ण हैं जो स्वर की सहायता के बिना नहीं बोले जा सकते। व्यंजन 33 हैं अच्छा प्रशन जो अधिकतर tet में आते रहता है
मधुर स्वर में निवेदन करने से उत्तम व्यंजनों की प्राप्ति हो जाती है. स्वर और व्यंजन के इन अर्थ भी दृष्टव्य हैं.
हिंदी में वर्णों के दो प्रकार के व्यंजन व स्वर
व्यंजन कैसे लिखते है?
स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है?
स्वर वर्ण और व्यंजन वर्ण में क्या अंतर है?
मूल रूप से स्वर कितने होते हैं?
हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर कितने व्यंजन हैं?
हिंदी में स्वरों की संख्या 11 होती है। कौन-कौन सी होती है?
वर्णमाला में कितने स्वर होते हैं?
स्वर और व्यंजनों के बीच क्या अंतर है?
7 व्यंजन (consonants) और 4 स्वरों (vowels) में से, 3 व्यंजन और 2 स्वरों के कितने शब्द बन सकते हैं?
स्वर कैसे बनते हैं?
स्वर और व्यंजन का आविष्कार कैसे हुआ?
हिंदी में स्वरों की संख्या कितनी है?
संगीत में ७ स्वर क्यों होते हैं ?
हिंदी अक्षर ज्ञान में स्वर और व्यंजन में क्या अंतर हैं?
________________________________
Pleach drop some thanks and mark me as bràínliest ❣️
Fir mujhe GENIUS rank mil jaega aur or main Aapke naam se q post krugi 50 pts dekrr.. [Flw krr dena taki pta lg jaye jb ma q dalu]
:-)