Hindi, asked by love4141, 4 months ago

व्याकरण भाषा के मौखिक और लिखित दोनों ही रूपों का अध्ययन कराता है । यद्यपि इस प्रकार के अध्ययन का क्षेत्र मासिक भाषा ही
रहती है। तथापि भाषा के लिखित रूप को भी अध्ययन का विषय बनाया जाता है। भाषा और लिपि के परस्पर संबंध से कभी-कभी यह
भांति भी फैल जाती है कि दोनों अभिन्न है।वस्तुतः भाषा लिपि के बिना भी रह सकती है। आदिम जातियों की कई भाषा केवल
मौखिक रूप में ही व्यवहत हैं,उनके पास कोई लिपि नहीं है। पर लिपि भाषा के बिना नहीं रह सकती। किसी भी आया विरोध के लिए
परंपरा के आधार पर एक विशेष लिपि रुट हो जाती है। जैसे हिंदी के लिए देवनागरी लिपि। लिखित भाषा स्थाई होती है। इसी के आधार
पर मनुष्य की उन्नति और विकास यात्रा का भी ज्ञान होता है। इसीलिए भाषा को मानव की सांस्कृतिक चेतना की संवारिका भी कहा
जाता है ।भाषा और समाज परस्पर अभिन्न माने जाते हैं क्योंकि भाषा के अभाव में समाज संभव ही नहीं हो सकता है समाज में
परस्पर वैचारिक अभिव्यक्ति का साधन भाषा ही होती है।
प्रश्न-
1- व्याकरण भाषा के किन रूपों का अध्ययन कराता है?
उत्तर-
2-हिंदी भाषा की लिपिकौनसी है?
उत्तर
3-भाषा और लिपिके संबंध में क्या भम हो जाता है।
उत्तर
4-लिखित भाषा के आधार पर मनुष्य की किस यात्रा का ज्ञान होता है।
उत्तर-
5- इस गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए।
उत्तर-​

Answers

Answered by snigdhakhan
3

Explanation:

प्रश्न-

1- व्याकरण भाषा के किन रूपों का अध्ययन कराता है?

उत्तर- अध्ययन व्याकरण

2-हिंदी भाषा की लिपिकौनसी है?

उत्तर देवनागरी

3-भाषा और लिपिके संबंध में क्या भम हो जाता है।

उत्तर लिपि और भाषा सहजात संबंध नहीं होता। इसीलिए एक भाषा को कई लिपियों में लिखा जा सकता है, जैसे- संस्कृत देवनागरी, रोमन, कन्नड़, तेलुगु आदि अनेक लिपियों में लिखी जाती है। ... जब कोई भाषा किसी लिपि को अपनाती है तो भाषा की ध्वनि व्यवस्था लिपि में भी आंशिक परिवर्तन करती है, जैसे- संस्कृत, हिंदी, मराठी की देवनागरी में आंशिक भेद है।

4-लिखित भाषा के आधार पर मनुष्य की किस यात्रा का ज्ञान होता है।

उत्तर -किसी भी भाषा विशेष के लिए परंपरा के आधार पर एक विशेष लिपि रूढ़ि हो जाती है। जैसे हिंदी के लिए देवनागरी लिपि। लिखित भाषा स्थायी होती है। इसी के आधार पर मनुष्य की उन्नति और विकास यात्रा का भी ज्ञान होता है

5- इस गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए।

उत्तर- यह गद्यांश हमें भाषा और लीपी के बारे में शीर्षक दे रहा है |

Similar questions