व्याकरण के उद्देश्य पर परकाश डालिये तथा व्याकरण का मानव जीवन की भाषा का क्या महत्व है
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किसी भी भाषा के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन व्याकरण (ग्रामर) कहलाता है। व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा किसी भाषा का शुद्ध बोलना, शुद्ध पढ़ना और शुद्ध लिखना आता है। किसी भी भाषा के लिखने, पढ़ने और बोलने के निश्चित नियम होते हैं। भाषा की शुद्धता व सुंदरता को बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। ये नियम भी व्याकरण के अंतर्गत आते हैं। व्याकरण भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
व्याकरण के माध्यम से हम यह सीखते हैं कि लिपि को कैसे लिखा जाए कि वह शुद्ध कहलाए। व्याकरण में लिपि तथा भाषा से संबंधित नियमों होते हैं।
व्याकरण किसी भी भाषा में बहुत महत्वपूर्ण होता है। व्याकरण के बिना एक भाषा को शुद्ध रुप में नहीं बोला जा सकता है। भाषा का शुद्ध रुप किस तरह से लिखा जाए और बोला जाए यह व्याकरण हमें बताता है। व्याकरण में भाषा से संबंधित नियमों का समावेश होता है।
हर भाषा का अपना व्याकरण होता है। भाषा को व्याकरण व्यवस्थित और शुद्ध बनाता है, इसलिए व्याकरण पढ़ना आवश्यक है।