व्याख्या झांसी की रानी
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देश को आजाद करने के लिए भारत के अनेक वीरों और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुतियां दी। जब भी आजादी का जिक्र होगा रानी लक्ष्मीबाई का नाम सर्वोपरि रहेगा। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 1828 ईस्वी में हुआ था उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन उन्हें सभी प्यार से मनु कहते थेरानी लक्ष्मी बाई की माता जी का नाम भागीरथी भाई और पिता जी का नाम मोर ओपन तथा मोरोपंत एक मराठे थे और मराठा बाजीराव के सेवक थे।रानी लक्ष्मीबाई का विवाह 1845 में झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुआ।
गंगाधर राव की मृत्यु के पश्चात झांसी राज्य का दायित्व रानी लक्ष्मीबाई के हाथों में था। अंग्रेज अपनी कूटनीति के चलते भारत के हर यादों को अपने राज्य में मिला रहे थे लेकिन रानी लक्ष्मीबाई काफी राजनीतिज्ञ चुस्त और चतुर थीं । रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी।
वह एक निर्भीक और साहसी नारी थी वह कभी अंग्रेज सेना के सामने नहीं झुकी उसने निर्भीकता के साथ उनके साथ युद्ध किया। रण कौशल तो उसके खून में ही था वह बचपन से ही घुड़सवारी तीरंदाजी तथा तलवारबाजी को अपना खेल मानती थी। अंग्रेज सेना के साथ लडती लड़ती वीरगति को प्राप्त हो गई। रानी लक्ष्मीबाई का नाम आज भी आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है तथा प्रत्येक भारतीय नारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।