व्याख्या कीजिए −
(क) (i) पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ
जूही की डाल से खुशबूदार हाथ
(ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ
(ख) कवि ने इस कविता में 'बहुवचन' का प्रयोग अधिक किया है। इसका क्या कारण है?
(ग) कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रोयग किया है।
(घ) पाठ में हिंदी महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिंदी महीनों के नाम क्रम से लिखिए।
Answers
(क) (१) कवि अगरबत्तियां बनाने वालों की दशा का वर्णन करते हुए लिखता है कि कुछ कोमल पीपल के पत्ते से हाथों वाले बच्चे हैं जो यह काम कर रहे हैं। कुछ यौवन से संपन्न लड़कियां भी यही काम कर रही है जिनके हाथ जूही की डाल जैसे सुगंधित है।
(२) कवि कहता है कि इन्हीं गंदे मोहल्लों में रहने वाले गंदे लोग केवड़ा ,गुलाब ,खस और रात की रानी की खुशबू वाली अगरबत्तियां बनाते हैं। ये लोग दुनिया की सबसे गंदी बस्तियों में रहकर अपने हाथों से दुनिया के लिए सुगंध से युक्त अगरबत्तियां बनाते हैं।
(ख) कवि ने मेहनत करने वाले गरीब लोगों ,उनकी बस्तियों, अगरबत्तियों आदि का वर्णन इस कविता में किया है जो देश की बड़ी जनसंख्या और परिवेश का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए कवि ने ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है।
(ग) कभी नहीं हाथों के लिए जिन विशेषणों का प्रयोग किया है वे है - उभरी नसों वाला हाथ, घिसे नाखूनों वाला हाथ, पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ ,जूही की डाल से खुशबूदार हाथ, गंदे कटे फटे हाथ और ज़ख्म से फटे हुए हाथ।
(घ) पाठ में हिंदी महीनों के कुछ नाम इस प्रकार है -
१. चैत्र
२.वैशाख
३. ज्येष्ठ
४.आषाढ़
५.सावन
६.भादो
७.अश्विन
८.कार्तिक
९.मार्गशीष॑
१०.पौष
११.मास
१२.फाल्गुन
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:
क.1. कवि अगरबत्तियाँ बनाने वाले मजदूरों के बारे में बताता है कि इस उद्योग में पीपल के नए पत्ते जैसे सुकोमल हाथ वाले लड़कों तथा जूही की डाल जैसे नव युवतियों के सुंदर हाथों को भी काम करना पड़ रहा है। अर्थात् बाल श्रमिक भी कार्यरत हैं।
2. कवि ने इन पंक्तियों में खुशबू बनाने वाले मजदूरों के बारे में बताया है कि ये मजदूरों को दुनिया की सारी गंदगी के बीच रहने को विवश हैं। ऐसे गंदे स्थानों पर रहकर वे सारी दुनिया में सुगंध बिखेरते हैं। ये मज़दूर गंदी जगहों पर रहकर गंदे हाथों से काम करके दुनिया को खुशी और सुगंध बाँट रहे हैं।
ख. इस कविता में कवि ने बहुवचन का प्रयोग इसलिए किया है, क्योंकि ऐसे उद्योगों में काम करना किसी एक जगह की नहीं बल्कि अनेक देशों की समस्या है और इनमें बहुत-से मज़दूर काम करने को विवश हैं।
ग. कवि ने हाथों के लिए कई विशेषणों का प्रयोग किया है; जैसे-
उभरी नसों वाले
घिसे नाखूनों वाले
पीपल के पत्ते से नए-नए
जूही की डाल जैसे खुशबूदार
गंदे कटे-पिटे
ज़ख्म से फटे हुए
घ. १.चैत्र
२.बैशाख
३.जेठ
४.अषाढ़
५.सावन
६.भादो
७.क्वार
८.कार्तिक
९.अगहन
१०.पूस
११.माघ
१२.फागुन।