वायुमंडल की परतों के नाम लिखते हुए वर्णन करें 10
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Explanation:
क्षोभमण्डल ( 0 से 8/18 किमी ) यह मण्डल जैव मण्डलीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मौसम संबंधी सारी घटनाएं इसी में घटित होती हैं। ...
समतापमण्डल ...
मध्य मण्डल ( 50 से 80 किमी ) ...
आयन मण्डल ( 80 से 640 किमी ) ...
बाह्यमण्डल ( 640 किमी से ऊपर )
1) क्षोभमण्डल ( 0 से 8/18 किमी )
•यह मण्डल जैव मण्डलीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मौसम संबंधी सारी घटनाएं इसी में घटित होती हैं।
•मौसम संबंधी सभी परिवर्तन इसी में होनें के कारण इसे परिवर्तन मंडल भी कहते हैं !
2) समतापमण्डल
•इसका विस्तार 8 या 18 किमी से 50 किमी तक होता है !
•इसमें ओजोन परत ( 15 से 35 किमी ) पाऐ जानें के कारण इसे ओजोन मंडल भी कहते हैं !
3) मध्य मण्डल
•इसका विस्तार 50-55 किमी से 80 किमी तक है।
•इस मण्डल में तापमान ऊंचाई के साथ घटता जाता है तथा लगभग -100 डिग्री सेंटीग़्रेट तक पहुच जाता है , जोकि वायुमंडल का न्युनतम तापमान हैं ! व इसकी ऊपरी सीमा से बाद पुन: ताप में व्रद्धि होने लगती है !
4) आयन मण्डल
•इस मण्डल में ऊंचाई के साथ ताप में तेजी से वृद्धि होती है।
•इसमें विद्युत आवेशित कणों की अधिकता होती है ,जिहें आयन कहा जाता है ! इन्ही की अधिकता के कारण इस मंडल का नाम आयन मंडल है ! ये कण रेडियो तरंगों को भूपृष्ठ पर परावर्तित करते हैं और बेतार संचार को संभव बनाते हैं।
5) बाह्यमण्डल
•इसे वायुमण्डल का सीमांत क्षेत्र कहा जाता है। इस मण्डल की वायु अत्यंत विरल होती है।
•यहां गैसों का घनत्व बहुत कम पाया जाता है , यहां हाइट्रोजन व हीलियम गैसों की प्रधानता होती है !