वायु प्रदूषण का सबसे अधिक प्रकोप महानगरों पर हुआ है इसका कारण है, बढ़ता हुआ औद्योगीकरण गत बीस वर्षों में भारत के प्रत्येक नगरों में कारखानों की जितनी तेज़ी से वृद्धि हुई है, उससे वायु मंडल पर बहुत प्रभाव पड़ा है । क्योंकि इन कारखानों में चिमनियों से चौबीसो घंटे निकलने वाला धुएं ने सारे वातावरण को विषाक्त बना दिया है । इसके अलावा सड़कों पर चलने वाले वाहनों की संख्या में तेज़ी से होने वाली वृद्धि भी वायु प्रदूषण के लिए पूरी तरह उत्तरदायी है । इन वाहनों के धुएं से निकलने वाली 'कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस' के कारण आज न जाने कितने प्रकार की खांसी और फेफड़ों की बीमारियाँ आम बात हो गई है । प्रश्नः
1. वायु प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
2. कारखानों में कहाँ से बाहर निकलता है ? धुआ 3. साँस और फेफड़ों की बीमारियों का क्या कारण है? स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में अपनी गति, उड़ान सब भूले, बस सपनों में देख रहे हैं ऐसे थे अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने,
ख. दिये गए पठित पद्यांश पढ़कर, प्रश्नों के उत्तर लिखिए। [3x1=3M]
लाल किरण-सी चोंच खोल
तरु की फुनगी पर के झूले । चुगत तारक-अनार के दाने ।
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Answer:
वायु प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
Ans:- उद्योगों की चिमनियों से निकलने वाली विभिन्न गैसें जैसे कार्बन डाई आक्साइड, सल्फर मोनो आक्साइड, सल्फर के. आक्साइड, हाइड्रोकार्बन्स, धूल के कण, वाष्प कणिकायें, धुंआ इत्यादि वायु प्रदूषण का मुख्य कारक हैं।
कारखानों में कहाँ से बाहर निकलता है?
ans:- कारखानों में उनकी चिमनी के ऊपरी सिरे से दुआ बाहर निकलता है।
तीन मुख्य कारण है सांप और फेफड़ों की बीमारियों के लिए
पहला वायु में विभिन्न प्रकार की गैसों के कारण सांस लेने में लोगों को तकलीफ होती है जिससे उन्हें घुटन जैसी महसूस होती है। दूसरा वायु में विभिन्न प्रकार की विषैली गैसों के कारण वर्षा होने के समय अम्लीय वर्षा होती है जिससे पानी अर्थात जल भी प्रदूषित हो जाता है और उसे पीने से फेफड़ों में या उन मनुष्य के शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती है।
तीसरा वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण होने के कारण किसान द्वारा उगाए गए विभिन्न प्रकार की फसलों में प्रदूषित जल और वायु के कारण फसल भी प्रदूषित हो जाती हैं जिन से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है फेफड़ों में पानी भरने का जैसा हो जाता है सांस लेने में तकलीफ जैसी होने लगती है।।