वायु प्रदूषण क्या है और इसकी व्याख्या करें
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वायु हमारी जिन्दगी का अत्यन्त आवश्यक तत्व है। वायु प्रदूषण को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता। वायु कुछ गैसों का और नमी का मिश्रण है। इसमें कुछ अक्रिय (inert) पदार्थ भी हैं।
हम विश्व के किसी भी हिस्से में ‘शुद्ध वायु’ नहीं प्राप्त कर सकते। जब हम सांस लेते हैं तो आक्सीजन के साथ-साथ कुछ अन्य गैसें और पदार्थ हमारे श्वशन तंत्र में प्रवेश करते हैं इससे पहले कि वायु प्रदूषण के बारे में बात करें, यह आवश्यक है कि हम जानें कि शुद्ध वायु में क्या-क्या तत्व होते हैं? शुद्ध वायु की संरचना निम्न तालिका में दर्शायी गयी है।
शुद्ध वायु की संरचना (समुद्री सतह के पास)
क्रम सं.
अवयव
संकेतक¼Symbol½
उपस्थिति प्रतिशत
1
नाइट्रोजन
N2
78.09
2
ऑक्सीजन
O2
20.94
3
ऑर्गन
Ar
0.93
4
कार्बन डाई आक्साइड
CO2
0.0318
5
निआन
Ne
0.0018
6
हीलियम
He
0.00052
7
क्रिप्टन
Kr
0.0001
8
मीथेन
CH4
0.00015
9
हाइड्रोजन
H2
0.00005
10
कार्बन मोनो ऑक्साइड
CO
0.00001
11
नाइट्रस आक्साइड
N2O
0.00025
12
जिनान
Xc
0.000008
13
ओजोन
O3
0.000002
14
सल्फर डाइ आक्साइड
SO2
0.000002
15
अमोनिया
NH3
0.000001
16
नाइट्रोजन डाई आक्साइड
N2O
0.000001
17
जल
H2O
1-3
वायु तत्व वस्तुतः प्राण ही है। ऐतिहासिक रूप से वायु का प्रदूषण अग्नि के आविष्कार के साथ ही शुरू हो गया था। इसके बाद लौह और सोने की प्रोसेसिंग के साथ इसमें वृद्धि होने लगी और कोयले के उपयोग के साथ लगातार वृद्धि हो रही है। 18 वीं शताब्दी के वाष्प इंजन के आविष्कार के साथ और औद्योगिक क्रान्ति के साथ प्रदूषण के एक नये युग का प्रारम्भ हुआ। इस दौरान मोटर वाहनों में वृद्धि के साथ ही इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई है। वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू.एच.ओ.) के अनुसार ‘वायु प्रदूषण एक एैसी स्थिति है जिसके अन्तर्गत बाह्य वातावरण में मनुष्य तथा उसके पर्यावरण को हानि पहुचाने वाले तत्व सघन रूप से एकत्रित हो जाते हैं।‘ दूसरे शब्दों में वायु के सामान्य संगठन में मात्रात्मक या गुणातात्मक परिवर्तन, जो जीवन या जीवनोपयोगी अजैविक संघटकों पर दुष्प्रभाव डालता है, वायु प्रदूषण कहलाता है।
हम विश्व के किसी भी हिस्से में ‘शुद्ध वायु’ नहीं प्राप्त कर सकते। जब हम सांस लेते हैं तो आक्सीजन के साथ-साथ कुछ अन्य गैसें और पदार्थ हमारे श्वशन तंत्र में प्रवेश करते हैं इससे पहले कि वायु प्रदूषण के बारे में बात करें, यह आवश्यक है कि हम जानें कि शुद्ध वायु में क्या-क्या तत्व होते हैं? शुद्ध वायु की संरचना निम्न तालिका में दर्शायी गयी है।
शुद्ध वायु की संरचना (समुद्री सतह के पास)
क्रम सं.
अवयव
संकेतक¼Symbol½
उपस्थिति प्रतिशत
1
नाइट्रोजन
N2
78.09
2
ऑक्सीजन
O2
20.94
3
ऑर्गन
Ar
0.93
4
कार्बन डाई आक्साइड
CO2
0.0318
5
निआन
Ne
0.0018
6
हीलियम
He
0.00052
7
क्रिप्टन
Kr
0.0001
8
मीथेन
CH4
0.00015
9
हाइड्रोजन
H2
0.00005
10
कार्बन मोनो ऑक्साइड
CO
0.00001
11
नाइट्रस आक्साइड
N2O
0.00025
12
जिनान
Xc
0.000008
13
ओजोन
O3
0.000002
14
सल्फर डाइ आक्साइड
SO2
0.000002
15
अमोनिया
NH3
0.000001
16
नाइट्रोजन डाई आक्साइड
N2O
0.000001
17
जल
H2O
1-3
वायु तत्व वस्तुतः प्राण ही है। ऐतिहासिक रूप से वायु का प्रदूषण अग्नि के आविष्कार के साथ ही शुरू हो गया था। इसके बाद लौह और सोने की प्रोसेसिंग के साथ इसमें वृद्धि होने लगी और कोयले के उपयोग के साथ लगातार वृद्धि हो रही है। 18 वीं शताब्दी के वाष्प इंजन के आविष्कार के साथ और औद्योगिक क्रान्ति के साथ प्रदूषण के एक नये युग का प्रारम्भ हुआ। इस दौरान मोटर वाहनों में वृद्धि के साथ ही इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई है। वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू.एच.ओ.) के अनुसार ‘वायु प्रदूषण एक एैसी स्थिति है जिसके अन्तर्गत बाह्य वातावरण में मनुष्य तथा उसके पर्यावरण को हानि पहुचाने वाले तत्व सघन रूप से एकत्रित हो जाते हैं।‘ दूसरे शब्दों में वायु के सामान्य संगठन में मात्रात्मक या गुणातात्मक परिवर्तन, जो जीवन या जीवनोपयोगी अजैविक संघटकों पर दुष्प्रभाव डालता है, वायु प्रदूषण कहलाता है।
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