व्यावासिक शिक्षा पर निबंध कक्षा 8 150 शब्द
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ये दुनिया हुनरदार लोगो को ही पूछती है। पहले माँ-बाप अपने बच्चों को डाक्टर इंजीनियर ही बनाना ही पसंद करते थे, क्योकि केवल इसी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सुनिश्चित हुआ करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। प्रशिक्षण और कुशलता हमारे करियर रूपी ट्रेन का इंजन है, जिसके बिना हमारी जिन्दगी की गाड़ी चल ही नहीं सकती, इसलिए गर जीवन में आगे बढ़ना है, सफल होना है, स्कील्ड तो होना ही पड़ेगा।
व्यवसायिक शिक्षा का महत्व
यह स्थिति तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जब बात गरीबों की आती है। उनके पास इतने पैसे नही होते कि वो अपनी शिक्षा पूरी कर सके, इस स्थिति में रोजगार पाने का एकमात्र साधन केवल और केवल व्यवसायिक शिक्षा ही रह जाती है, जो बेहद कम खर्चे में लोगो को स्कील्ड कर रोजगार दिलाने में सहायक सिध्द होती है।
अब इस क्षेत्र मे भी आधुनिकता ने अपने पंख पसार लिए है। बहुत सारी कंपनियां भी प्रक्षिशित लोगो की तलाश में रहती है, विभिन्न जॉब वेबसाइटो में कुशल लोगो की रिक्रूटमेंट निकलती रहती है, जिसमें आन-लाइन आवेदन माँगे जाते है। कुछ प्रोफेशनल वेबसाइट अब आनलाइन कोर्सेज भी कराती है। अब आप घर बैठे ही ऐसे कोर्सेज कर सकते है। आपको कहीं जाने की जरूरत नही। सुदूर गाँव मे बैठे लोगो के लिए यह व्यवस्था किसी वरदान से कम नहीं।
रोजगार के नये आयाम
पहले बड़े ही सीमित अवसर होते थे, रोजगार पाने के। कारपेन्ट्री, वेल्डिंग, आटो-मोबाइल जैसे क्षेत्रो तक ही सीमित थे, लेकिन अब ऐसा नही है। बहुत सारे नये-नये क्षेत्रो का विकास हो गया है, जैसे इवेंट मैनेजमेंट, टूरिस्ट मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, कम्प्यूटर नेटवर्क मैनेजमेंट, रिटेल ट्रेनिंग एण्ड मार्केटिंग, टूर एण्ड ट्रवेल्स मैनेजमेंट इत्यादि ऐसे कुछ क्षेत्र है, जिसमे आप निपुण होकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते है। कुशल हाथ ही एक नये और बेहतर कल का रचयिता हो सकता है। जब हर हाथ मे हुनर होगा, तभी हमारा देश विकसित देशो की श्रेणी मे खड़ा हो पाएगा।