CBSE BOARD XII, asked by palodiyamahesh, 2 months ago

व्यायाम पर इस वाक्य
परदेश वाक्य संस्क
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Answered by lokudass6
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Answer:

मूर्ति संगमरमर की थी टोपी के नोक से 4:00 तक एक दूसरे के बटन तक कोई फटी होती है जिसे कहते हैं बस और सुंदर थी नेताजी सुंदर लग रहे थे कुछ कुछ मासूम और कम सिंह फौजी वर्दी में मूर्ति को देख कर दिल्ली चलो और तुम मुझे खून दो वगैरा याद आने लगते थे इस दृष्टि से यह सफल और सराहनीय प्रयास था केवल एक चीज की कदर थी जो दिखते ही करती थी नेताजी की आंखों पर चश्मा नहीं था यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था एक सामान्य सचमुच के का चोरा काला प्रेम मूर्ति को पहना दिया गया था हालदार साहब जब पहली बार इस गुजरी और चौराहे पर पान खाने रुके तब उन्होंने इसे लक्षित किया और उन्हें ने चेहरा क्यों कस्तूर भरी मुस्कान फैल गई हां भाई यह इंडिया भी ठीक है मूर्ति पत्थर की पर चश्मा रियल

a) प्रस्तुत अवतरण में मूर्ति संगमरमर की थी टोपी के नोक से 4:00 तक एक दूसरे के बटन तक कोई फटी होती है जिसे कहते हैं बस और सुंदर थी नेताजी सुंदर लग रहे थे कुछ कुछ मासूम और कम सिंह फौजी वर्दी में मूर्ति को देख कर दिल्ली चलो और तुम मुझे खून दो वगैरा याद आने लगते थे इस दृष्टि से यह सफल और सराहनीय प्रयास था केवल एक चीज की कदर थी जो दिखते ही करती थी नेताजी की आंखों पर चश्मा नहीं था यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था एक सामान्य सचमुच के का चोरा काला प्रेम मूर्ति को पहना दिया गया था हालदार साहब जब पहली बार इस गुजरी और चौराहे पर पान खाने रुके तब उन्होंने इसे लक्षित किया और उन्हें ने चेहरा क्यों कस्तूर भरी मुस्कान फैल गई हां भाई यह इंडिया भी ठीक है मूर्ति पत्थर की पर चश्मा रियल

a) प्रस्तुत अवतरण में किसकी बात की जा रही है और क्यों ?

(पाठ नेता जी का चश्मा) बात की जा रही है और क्यों ?

(पाठ नेता जी का चश्मा)

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