व्यक्ति बंधन में कैसे पड़ता है और बंधन से कैसे मुक्त होता है दीवानों की मूर्ति कविता के आधार पर उत्तर दीजिए I
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Answer:
ये कैसे बंधन बना रहे हम
बेबसी में निभा रहे हम
रिश्ते नाते जोड़ रहे हम
अपनों से नाता तोड़कर
अपने रिश्ते समझ नहीं रहे हम
धर्म के रिश्ते बना रहे हम
अपनों को हम भुला रहे हैं
रिश्ते फेसबुक पर निभा रहे हैं
अंत समय में आना जिसके दर पर
उससे चेहरा छुपा रहे हैं
कुछ क्षण की विलासिता की खातिर
जन्मों के बंधन तोड़ रहे हम
एक क्षण के हंगामे से
जीवन भर हंगामा करते
अंत समय फिर एक हंगामा
हमको जीवन दिखलाता है
हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित l
Explanation:
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अपने रिश्ते समझ नहीं रहे हम
धर्म के रिश्ते बना रहे हम
अपनों को हम भुला रहे हैं
रिश्ते फेसबुक पर निभा रहे हैं
अंत समय में आना जिसके दर पर
उससे चेहरा छुपा रहे हैं
कुछ क्षण की विलासिता की खातिर
जन्मों के बंधन तोड़ रहे हम
एक क्षण के हंगामे से
जीवन भर हंगामा करते
अंत समय फिर एक हंगामा
हमको जीवन दिखलाता है
हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।
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