★व्यक्ति के जीवन के साथ साथ पारिवारिक, सामाजिक तथा राष्ट्रीय जीवन में भी श्रम का विशेष महत्व है।श्रम के बिना व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र का जीवन खोखला ही रह जाता है।श्रम से जीवन में गतिशीलता आती है।यह गतिशीलता ही जीवन का वास्तविक चिह्न होती है।निश्चेष्ट जीवन व्यतीत करने वालों को असफलता और अपयश के अतिरिक्त कुछ भी प्राप्त नहीं होता।गति के अभाव में जीवन की स्थिति घाट के पत्थर जैसी होती है, जबकि मनुष्य के जीवन में पग-पग पर विहन-बाधाएँ अपना जाल बिछाए बैठी होती हैं। उसी समय यदि मनुष्य श्रम न करे तो वह कभी भी आगे नहीं बढ़ सकेगा।
★उपर्युक्त गद्रयांश के आधार पर निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए–
क.}श्रम का अभाव जीवन के किन क्षेत्रों में है?
ख.}गीत के अभाव में जीवन की क्या स्थिति है?
ग.}मनुष्य कब असफलता होता है?
घ.}‛खोखला' शब्द का विशेष्य बताइए।
ड.}उपर्युक्त शीर्षक बताइए।
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khokla Matlb usme takad vagere nasne
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