Hindi, asked by shikhapandey2406, 5 months ago

व्यक्ति के जीवन में धर्म एवं राष्ट्र की भूमिक ​

Answers

Answered by Braɪnlyємρєяσя
4

Explanation:

ज़िंदगी में हमें जो धारण करना चाहिए, वही धर्म है। ... धर्म वह पवित्र अनुष्ठान है जिससे चेतना का शुद्धिकरण होता है। धर्म वह तत्व है जिसके आचरण से व्यक्ति अपने जीवन को चरितार्थ कर पाता है। यह मनुष्य में मानवीय गुणों के विकास की प्रभावना है, सार्वभौम चेतना का सत्संकल्प है।

Answered by HorridAshu
2

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ज़िंदगी में हमें जो धारण करना चाहिए, वही धर्म है। ... धर्म वह पवित्र अनुष्ठान है जिससे चेतना का शुद्धिकरण होता है। धर्म वह तत्व है जिसके आचरण से व्यक्ति अपने जीवन को चरितार्थ कर पाता है। यह मनुष्य में मानवीय गुणों के विकास की प्रभावना है, सार्वभौम चेतना का सत्संकल्प है।

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