वैयक्तिक प्रयोज्य आय से क्या आशय है?
Answers
Explanation:
आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक। ‘वेल्थ ऑफ नेशन्स’ के लेखक।
समस्त मुद्रा संसाधन
डाकघर बचत संगठन की अवधि जमा रहित व्यापक मुद्रा (ड3)।
आभ्यंतरिक स्थिरक
निश्चित व्यय और कर नियमों के अंतर्गत जब आर्थिक दशाएँ बदतर स्थिति को प्राप्त होती है, तो खर्च में स्वत: बढ़ोतरी हो जाती है अथवा करों में स्वत: कमी आ जाती है। अत: अर्थव्यवस्था स्वत: स्थिर दशा को प्राप्त होती है।
स्वायत्त परिवर्तन
समष्टि अर्थशास्त्र के मॉडल में परिवर्तों के मानों में अंतर, जो कि मॉडल के बहिर्जात कारकों के कारण होता है।
वैयक्तिक प्रयोज्य आय
Explanation:
वैयक्तिक प्रयोज्य आय से हमारा अभिप्राय उस आय से है जो परिवारों के उपभोग तथा बचत के लिए उपलब्ध होती है ।
ये हमें दो घटको से मिलके प्राप्त होती है :
1. वैयक्तिक प्रयोज्य व्यय।
2.वैयक्तिक प्रयोज्य बचत।
वैयक्तिक प्रयोज्य आय को राष्ट्रीय प्रयोज्य आय में सम्मिलित करने के लिए वैयक्तिक आय में से प्रत्यक्ष वैयक्तिक कर को घटाया जाता है। और यदि सरकारी विविध प्राप्तियां भी दी गई होती है तो उन्हें भी वैयक्तिक आय से घटाना होता है।