व्यक्ति सद्गुण संपन्न होते हैं सदारी होते हैं. जनहित ही जिनके जीवन का ल हेता है।
स्वभाव पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। उनके स्वभाव में कोई विकृति नहीं आ पाती। वे चंदन
दुष्प्रवृत्तियों के बीच रहते हुए भी समाज के संतापों को अपनी शीतलता से हटाते रहते हैं।
की सुगंध से वातावरण को पवित्र बनाए रहते हैं। वे दुष्टों के प्रति निस्संग और निर्लिप्त रह
कार्य करते रहते हैं। संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है, य=
व्यक्तियों के लिए कही गई है। चंदन जैसे व्यक्तित्व और चरित्र वाले दृढ़ और उदा-
महापुरूषों पर यह लागू नहीं होता। वे लोग कुसंगति के प्रभाव से बहुत ऊपर उठ चुक
भाव अन्हें छू भी नहीं पाता है। यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है, वह यह कि च
अंगों से लिपटे हुए विषधरों के प्रति कभी कोई कटु प्रतिक्रिया नहीं करता, उसी तरह
को दुष्टों के प्रति कोई घृणा, द्वेष या आक्रोष व्यक्त नहीं करते और न ही वे उन्हें ।
निता तारा उत्तर दीजिए-
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