व्यक्तित्व के मानवतावादी उपागम की प्रमुख प्रतिज्ञप्ति क्या है ? आत्मसिद्धि से मैस्लो का क्या तात्पर्य था?
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ki hamesha sachchai se kaam karna chahiye.
Hope it helps ✌✌.
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"मानवतावादी उपागम किसी भी व्यक्ति के आत्मनिष्ठ अनुभव और वर्णों पर ज़ोर देता है।
रोजर्स की अवधारणा में ‘वास्तविक आत्म’ तथा ‘आदर्श आत्म’ के बीच में संबंध पर ज़ोर दिया गया है। इनमें समरूपता होने की स्थिति में व्यक्ति पूरी तरह से प्रकार्यशील हो जाता है।
मैस्लो ने व्यक्तित्व को लोगो की अभिप्रेरक आवश्यकताओं के पारस्परिक प्रभाव संज्ञा दी है। आवश्यकताओं को निम्न प्रकार के पदानुक्रम में व्यवस्थिति किया जाना उचित है:
निम्न-कोटी: जिनपर उत्तरजीविता निर्भर करे
उच्च-कोटी: जिनपर विकास निर्भर करे"
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