व्यक्तित्व के विकास
में परिवार की भूमिका
महत्वपूर्ण होती है इस पर अपने विचार लिखिए
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निशिप
जग
विचा
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हर मनुष्य का अपना-अपना व्यक्तित्व है। वही मनुष्य की पहचान है। कोटि-कोटि मनु्ष्यों की भीड़ में भी वह अपने निराले व्यक्तित्व के कारण पहचान लिया जाएगा। यही उसकी विशेषता है। यही उसका व्यक्तित्व है। प्रकृति का यह नियम है कि एक मनुष्य की आकृति दूसरे से भिन्न है। आकृति का यह जन्मजात भेद आकृति तक ही सीमित नहीं है; उसके स्वभाव, संस्कार और उसकी प्रवृत्तियों में भी वही असमानता रहती है।
व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक
व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले मुख्यतः 2 कारक हैं। –
वंशानुक्रम (Heredity)
वातावरण (Environment
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vyaktitva ke Vikas mein Parivar ki bhumika mahatvpurn Hoti hai is par Apne vichar likhiye
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