व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग कब होता है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए
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व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक के रुप में प्रयोग
यहाँ 'हरिश्चन्द्र' व्यक्तिवाचक संज्ञा उसके 'सत्य' और 'निष्ठा' के गुण को प्रगट करने से जातिवाचक संज्ञा बनी । ... यहाँ 'जयचन्द' शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हुए भी उसके 'विश्वासघात' गुण को प्रकट करने के कारण अन्य व्यक्तियों का बोध कराती है । अत: यह जातिवाचक संज्ञा है ।
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