वायवीय श्वसन की क्रिया किस स्थिति में आरंभ होती है?
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वह प्रक्रिया जिसमें ऑक्सीजन की उपस्थिति में श्वसन क्रियाधार का ऑक्सीकरण ,CO2,H2O मे होता है. एवं ऊर्जा प्राप्त होती है..
C6H12O6+6CO2→6CO2+6H2O+686 Kcal
कोशिकीय श्वसन में ग्लूकोस के एक अणु से पाइरुविक अम्ल के 2 अणुओं के निर्माण की प्रक्रिया ग्लाइकोलाइसिस कहलाती है.. ग्लाइकोलाइसिस कोशिकाद्रव्य में संपन्न होती है.. क्रेब्स चक्र में पाइरुविक अम्ल के ऑक्सीकरण से ऊर्जा CO2 तथा H2O प्राप्त होती है.. यूकैरियोटिक कोशिका में एक ग्लूकोस अणु के पूर्ण ऑक्सीकरण से 36 ATP अणु प्राप्त होते हैं.प्रोकैरियोटिक कोशिका में एक ग्लूकोस अणु के ऑक्सीकरण अवायवीय दशा में 2 ATP जबकि वायवीय दशा में 38 ATP प्राप्त होते है. .
श्वसन में तीन प्रकार होते हैं.
1.बाह्य श्वसन(External Respiration)
रुधिर या शरीर तथा वायु के बीच O2 तथा CO2 का आदान प्रदान करता है..
2.अंन्त श्वसन (Internal Respiration)
रुधिर तथा ऊतकों या कोशिका के बीच O2 तथा CO2 का आदान प्रदान करता है..
3.कोशिकीय श्वसन(Cellular Respiration)
कोशिकाओं में इंधन पदार्थों का ऑक्सीकरण तथा ऊर्जा का उत्पादन ग्लूकोस को कोशिकीय ईंधन कहते हैं.
Explanation:
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Answer:
एरोबिक श्वसन वह श्वसन है जहां कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को उप-उत्पाद के रूप में उत्पादित करने के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति में ग्लूकोज को तोड़कर ऊर्जा (एटीपी) जारी की जाती है। श्वसन का उपयोग सभी कोशिकाओं द्वारा ईंधन को ऊर्जा में बदलने के लिए किया जाता है जिसका उपयोग सेलुलर को बिजली देने के लिए किया जा सकता है। प्रक्रियाएं। श्वसन का उत्पाद एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (एटीपी) नामक एक अणु है, जो रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शक्ति देने के लिए अपने फॉस्फेट बांड में संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग करता है। इसे अक्सर सेल की "मुद्रा" के रूप में जाना जाता है।
एरोबिक श्वसन बहुत अधिक कुशल है, और अवायवीय श्वसन की तुलना में अधिक तेजी से एटीपी का उत्पादन करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एटीपी उत्पन्न करने में शामिल रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए ऑक्सीजन एक उत्कृष्ट इलेक्ट्रॉन स्वीकर्ता है।
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