Geography, asked by Bansiwala, 11 months ago

व्यवहारवादी अध्ययन के प्रभाव के कारण ही राजनीति विज्ञान को नवीन राजनीति विज्ञान की संज्ञा दी जाने लगी है। क्यों?

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Answered by Anonymous
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व्यवहारवादी अध्ययन के प्रभाव के कारण ही राजनीति विज्ञान को नवीन राजनीति विज्ञान की संज्ञा दी जाने लगी है। व्यवहारवाद ने परम्परागत राजनीति विज्ञान की कमियों को विश्व के समक्ष उजागर करके उसके स्थान पर नये राजनीति विज्ञान की स्थापना की है। जहाँ परम्परावादी राजनीति विज्ञान में मूल्य प्रधानता, आदर्शवादी एवं व्यक्तिनिष्ठ अध्ययन को महत्त्व दिया जाता था।

वहीं व्यवहारवाद ने आधुनिक राजनीति विज्ञान के अध्ययन को मूल्य निरपेक्ष, यथार्थवादी एवं वस्तुनिष्ठ बनाने का प्रयास किया। व्यवहारवादी आन्दोलन के प्रभावस्वरूप इसके साहित्य में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आज अनेक राजनीतिक विचारक वैज्ञानिक तथ्यों के महत्त्व को स्वीकार करते हैं। व्यवहारवाद ने आधुनिक राजनीति शास्त्र को नवीन अध्ययन पद्धति, नवीन शब्दावली एवं नवीन मान्यताएँ प्रदान की है। इस आन्दोलन के परिणामस्वरूप राजनीति का नवीन विज्ञान विकसित हो रहा है।

Answered by thankachan467
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Answer:

Explanation:

राजनीतिशास्त्र वह विज्ञान है जो मानव के एक राजनीतिक और सामाजिक प्राणी होने के नाते उससे संबंधित राज्य और सरकार दोनों संस्थाओं का अध्ययन करता है।।[1]

राजनीति विज्ञान अध्ययन का एक विस्तृत विषय या क्षेत्र है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं: राजनीतिक चिंतन, राजनीतिक सिद्धान्त, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचारधारा, संस्थागत या संरचनागत ढांचा, तुलनात्मक राजनीति, लोक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संगठन आदि

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