व्यवसायिक पर्यावरण से आप क्या समझते हैं?
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" शाब्दिक रूप से व्यवसाय का मतलब इंसान को कार्यरत रखने वाली क्रियाओं से है। इसमें एक अहम् बात यह है कि व्यवसाय में उन्हीं इंसानी आर्थिक क्रियाओं का समावेश किया जाता है जो समाज की विविध मांगो को पूरा करने के लिए की जाती है। अनार्थिक क्रियाओं जैसे की खाना-पीना,आराम करना, सफ़र करना इत्यादि का व्यवसाय में समावेश नहीं किया जाता। मैकनॉटन के अनुसार, “व्यवसाय शब्द से तात्पर्य, पारस्परिक हित के लिए वस्तुओं, मुद्रा अथवा सेवाओं के विनियम से है।” उर्विक ने व्यवसाय को सीमांकित करते हुए कहा था की, “यह एक ऐसा उपक्रम है जो समुदायों की आवश्यकता की पूर्ति हेतु वस्तुओं या सेवाओं का निर्माण, वितरण तथा इन्हें उपलब्ध कराता है।” एल.एच. हैने ने व्यवसाय को परिभाषित करते हुए लिखा है, “व्यवसाय से तात्पर्य उन मानवीय क्रियाओं से है जो वस्तुओं के क्रय-विक्रय द्वारा धन उत्पादन या धन प्राप्ति के लिए की जाती है।”इन व्याख्यााओ के अर्थघटन स्वरूप स्पष्ट है कि “व्यवसाय से तात्पर्य वस्तुओं एवं व्यवस्था के उत्पादन, वितरण एवं नियन्त्रण सम्बन्धी क्रियाओं से है जिनके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं एवं समाज की मांगे पूरी होती है।”व्यावसायिक पर्यावरण पेचीदा एवं अनियंत्रित बाह्य, आर्थिक, सामाजिक- सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा तकनीकी तत्वों का संकलन है जिसमे एक व्यवसाय को कार्य करना पड़ता है। पर्यावरण ही व्यवसाय को नयी रचना, नयी भूमिका तथा नये तेवर ग्रहण करने को विवस करता है।
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Answer:
व्यावसायिक पर्यावरण जटिल एवं अनियंत्रित बाह्य, आर्थिक, सामाजिक- सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा तकनीकी घटकों का योग है जिनके अन्दर एक व्यवसाय को कार्य करना पड़ता है। पर्यावरण ही व्यवसाय को नये आकार, नयी भूमिका तथा नये तेवर ग्रहण करने को बाध्य करता है।