व्यवसायिक वातावरण का महत्व लिखिये
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व्यावसायिक वातावरण का महत्व
* व्यावसायिक वातावरण की उपयुक्तता किसी भी देश के लिए अत्यन्त आवश्यक होती है। व्यावसायिक वातावरण एक ओर जहाँ देश की आर्थिक विकास, समृद्धि एवं रोजगार का मार्ग प्रशस्त करता है, वहीं दूसरी ओर यदि उपयुक्त व्यावसायिक वातावरण का अभाव है तो गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी एवं अशान्ति की स्थितियाँ सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख देती हैं। तीव्र बदलते आर्थिक, सामाजिक, कानूनी एवं राजनैतिक परिवेश का मूल्यांकन, पूर्वानुमान एवं इसके प्रभावों का निर्धारण करने के पश्चात ही किसी भी व्यवसाय द्वारा सफलतापूर्वक अपनी नीतियों एवं योजनाओं का निर्माण किया जा सकता है। इस प्रकार व्यवसाय एवं इसके प्रबन्धकों के साथ-साथ समाज के लिए व्यवसाय या प्रबन्धकों आदि के लिए व्यावसायिक वातावरण की महत्ता को इन शीर्षकों के माध्यम से भलीभांति समझा जा सकता है-
1. व्यवसाय के आन्तरिक वातावरण की जानकारी (Understanding Internal environment of business) किसी भी व्यवसाय के उद्देश्य की प्राप्ति हेतु आवश्यक होता है कि यह व्यवसाय प्रबन्धकों द्वारा बनायी गयी नीतियों एवं निर्देशों के अनुरूप संचालित हो। अत: व्यवसाय के पूर्वानुमान की नीतियों, लक्ष्यों, साधनों, योजनाओं, व्यूहरचनाओं आदि की जानकारी के साथ-साथ इनमें हो रहे परिवर्तनों की भी जानकारी व्यवसाय (प्रबन्ध तन्त्र या स्वामी) के लिए अत्यन्त आवश्यक होती है। अत: व्यावसायिक वातावरण में हो रहे नित नये परिवर्तन की जानकारी के लिए संगठनों द्वारा विकसित एवं आधुनिकतम प्रबन्धन सूचना प्रणाली (Management Information system) का सहारा लिया जाता है।
2. व्यवसाय की समस्याओंं एवं चुनौतियोंं का ज्ञान (Knowledge of problem and challenges of business) व्यवसाय के आन्तरिक वातावरण के माध्यम से व्यवसाय में उत्पन्न समस्याओं एवं नयी-नयी उत्पन्न चुनौतियों आदि के बारे में समय रहते पता चला जाता है। अत: व्यावसायिक वातावरण के अध्ययन एवं विश्लेषण के पश्चात् व्यवसाय में उत्पन्न इस तरह की आन्तरिक समस्याओं एवं चुनौतियों का सामना करने व समाधान खोजने के लिए प्रबन्धकों को विशेष कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है।
3. आर्थिक प्रणालियों का अध्ययन (Study of economic system) आर्थिक प्रणाली का स्वरूप अर्थव्यवस्था में संलग्न व्यवसाय को प्रभावित करता है। विश्व की अर्थव्यवस्थाएं पूंजीवादी, समाजवादी, साम्यवादी तथा मिश्रित अर्थव्यवस्था के रूप में पायी जाती हैं। इन सभी अर्थव्यवस्थाओं की अपनी अलग-अलग विशेषताएं होती हैं, जो विभिन्न व्यवसायों को प्रतिकूल या अनुकूल रूप से प्रभावित करती हैं। तीव्र बदलते आर्थिक परिवेश में जहां समाजवादी तथा साम्यवादी अर्थव्यवस्थाएं, मिश्रित अर्थव्यवस्था की तरफ अग्रसर हो रही हैं वहीं मिश्रित अर्थव्यवस्थाएं, पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो रही हैं। इसलिए इन परिवर्तनों के कारण व्यवसाय पूर्ण रूप से प्रभावित होता है। इसलिए इन परिवर्तनों का अध्ययन करने के लिए व्यवसाय के सम्पूर्ण वातावरण का अध्ययन करना अति आवश्यक हो जाता है। इसलिए व्यावसायिक वातावरण के अध्ययन के उपरान्त ही व्यवसाय आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही करने में सक्षम होता है।
4. उत्पन्न होने वाले खतरों के प्रति सतर्कता (Being alert regarding impending trouble) वर्तमान वैश्वीकरण एवं भूमण्डलीकरण परिवेश या वातावरण के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में खुलापन विद्यमान होने लगा है। इस कारण विभिन्न वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में जहां विकास की नयी-नयी ऊँचाइयाँ प्राप्त हुई हैं तथा रोजगार एवं अन्य विभिन्न अवसर उत्पन्न हुए हैं, वहीं हर पल नयी-नयी चुनौतियों, खतरों व समस्याओं के उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है। इनमें आर्थिक नीतियो, मांग एवं पूर्ति में कमी या वृद्धि, उपभोग की प्रवृत्ति, क्रय प्राथमिकताएं, प्रतिस्पर्धा आदि में होने वाले परिवर्तन व्यवसाय के लिए अनेकों चुनौतियाँ या प्रश्न खड़ा कर देते हैं। अत: इन परिवर्तनों के कारण किसी व्यवसाय में उत्पन्न होने वाले खतरों की जानकारी व समाधान व्यावसायिक वातावरण का अध्ययन एवं मूल्यांकन करके ही प्राप्त किया जा सकता है।
5. सरकार की आर्थिक नीतियाँ (Economic Policies of Government) किसी भी देश की सरकारी नीति वहाँ के व्यावसायिक वातावरण का महत्वपूर्ण अंग होती है। सरकार द्वारा समयानुसार घोषित औद्योगिक नीति, (Industrial Policy), अनुज्ञापन नीति (Licencing policy), आयात-निर्यात नीति (Exim Policy), विदेशी विनिमय नीति (Foreign Exchange policy) मौद्रिक नीति (Monetary policy), राजकोषीय नीति (Fiscal policy) व कराधान नीति (Taxation policy) आदि व्यवसाय पर स्पष्ट एवं प्रत्यक्ष प्रभाव डालती हैं। अत: व्यावसायिक वातावरण के अध्ययन एवं मूल्यांकन के द्वारा इन नीतियों का व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभाव को न्यूनतम करके अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन योजनाएं मांगी जा सकती है।
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