Hindi, asked by riyayadav2311, 7 months ago

vaastavik prem kya hai? (surdas ke pad ke adhar par uttar dijiye, class 10 hindi) ​

Answers

Answered by vikassultane214
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Answer:

ऊधौ, तुम हौ……………………………………………….गुर चाँदी ज्यौं पागी।।

भाव – इद पंक्तियों में गोपिकाएं उद्वव से कहती हैं कि तुम बहुत ही भाग्यशाली हो। व्यंग्य करती हैं तुम कृष्ण के पास रहकर भी उनके प्रेम और स्नेह से वंचित हो। तुम कमल के पत्ते के समान हो जो रहता तो जल के भीतर है पर फिर भी जल से अछूता रहता है (डूबा नहीं होता)। जिस तरह गागर को पानी में डूबोया जाता है (तेल लगे होने पर) उसी तरह आप भी निर्गुण ब्रह्म रूपी तेल के कारण कृष्ण के प्रेम में डूबे हुए नहीं हो। तुमने कभी प्रीति रूपी नदी में पैर नहीं डुबोए अर्थात् प्रेम का स्पर्श नहीं लिया। तुम कैसे व्यक्ति हो, जो कि कृष्ण के रूप सौंदर्य पर भी मुग्ध (मोहित नहीं हुए)। तुम तो बहुत विद्वान हो, निर्गुण भ्रम को मानने वाले हो, इसलिए कृष्ण के प्रेम में नही रंगे (सौंदर्य पर मुग्ध न हुए), लेकिन हम तो भोली-भाली गोपिकाएँ हैं। हम तो उनके प्रेम में इतने लीन है जैसे गुड़ में चीटियाँ चिपकी होती हैं।

Answered by Anonymous
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The answer is:-

Prem ka arth Kuch iss prakar ka hei ki ushe ham saral bhasa me spast nhi Kar sakte wo ek Mann me uttpan hoti hei Kisi ke prarti,chahe wo aapke mata pita ho ya koi aur hame aishe lagne lagta hei jaise hum unke Bina audhere hei.Hamare jeevan ka koi arth nhi unke Bina.

Hope my concept might clear to u ✌️

mark ne brainlest ☺️ plzzzzzzz thank my answer ♥️ plzzzzzzz

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