Hindi, asked by dev2324, 9 months ago

वडीलांच्या हात फिरवण्यात सारे बोलने होते हैं विधान स्पष्ट करा​

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Answered by jangidsagar945
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Explanation:

your answer is here

कायर को ही दहलाती है,

सूरमा नहीं विचलित होते,

क्षण एक नहीं धीरज खोते,

विघ्नों को गले लगाते हैं,

काँटों में राह बनाते हैं।

मुँह से न कभी उफ़ कहते हैं,

संकट का चरण न गहते हैं,

जो आ पड़ता सब सहते हैं,

उद्योग-निरत नित रहते हैं,

शूलों का मूल नसाते हैं,

बढ़ खुद विपत्ति पर छाते हैं।

है कौन विघ्न ऐसा जग में,

टिक सके आदमी के मग में?

ख़म ठोंक ठेलता है जब नर

पर्वत के जाते पांव उखड़,

मानव जब जोर लगाता है,

पत्थर पानी बन जाता है।

गुन बड़े एक से एक प्रखर,

हैं छिपे मानवों के भीतर,

मेंहदी में जैसी लाली हो,

वर्तिका-बीच उजियाली हो,

बत्ती जो नहीं जलाता है,

रोशनी नहीं वह पाता है।

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