“वह अपना धर्म छोड दे ,लेकिन हम अपना धर्म क्यों छोडें ?“ पंक्ति के माध्यम से हीरा
मोती को क्या समझाता है ?
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“वह अपना धर्म छोड दे ,लेकिन हम अपना धर्म क्यों छोडें ?“ पंक्ति के माध्यम से हीरा मोती को क्या समझाता है ?
उत्तर : वह अपना धर्म छोड़ दें, लेकिन हम अपना धर्म को क्यों छोड़ें। इस पंक्ति के माध्यम से हीरा मोती को समझाता है कि हमारी जाति का धर्म सहनशीलता है अर्थात कोई हम पर हिंसा करता है तो हमें उसे सहन करना चाहिए। हमारी जाति यानी गाय-बैल अहिंसक स्वभाव के जीव हैं, इसलिए मार खाकर सहन करना, हमारे स्वभाव में है, यही हमारा धर्म है।
जब झूरी का साला गया हीरा डंडे बरसा रहा था, तो हीरा तो डंडे की मार सहन कर गया, लेकिन मोती ने डंडे बरसाने का विरोध करना चाहा और गया को गिराना चाहा तो हीरा ने मोती को समझा कर कहा, कि यह हमारी जाति का धर्म है। मार खाना हमारी नियति है और हिंसा करना हमारे स्वभाव में नहीं है। हम इन सब अहिंसक प्राणी है, यही हमारा धर्म है। मनुष्य का धर्म भी निरीह पशुओं पर अत्याचार करना नही लेकिन गया यदि अपना धर्म छोड़ता भी है तो भी हमे अपना धर्म नही छोड़ना नहीं है।