"वह बड़ा हो गया है, मैं छोटा हो गया हूँ।"
के क्या अभिप्राय हैं
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(ख) "हमारे कई दोस्त ऐसे भी मैं
Answers
O "वह बड़ा हो गया है, मैं छोटा हो गया हूँ।" के क्या अभिप्राय हैं?
► ‘मुंशी प्रेमचंद’ द्वारा कहानी “गुल्ली डंडा” में लेखक के इस कथन ‘वह बड़ा हो गया है, मैं छोटा हो गया हूँ’ का अभिप्राय यह था कि लेखक का बचपन का दोस्त ‘गया’ बड़े होने पर उसके साथ ‘गुल्ली-डंडा’ खेलते समय अनमने भाव से खेला था। वह खेल में अपनी वह कुशलता नहीं दिखा रहा था, जो वह बचपन में दिखाता था। लेखक ने जानबूझकर कुछ बेईमानी करने की कोशिश की तो ‘गया’ में किसी भी तरह का कोई विरोध नहीं किया, जबकि बचपन में खूब विरोध करता था। चूँकि बड़ा होने पर लेखक बड़े पद पर पहुंचकर अफसर बन गया था और ‘गया’ एक साधारण सा मजदूर बनकर रह गया था, इसलिए दोनों के बीच पद और प्रतिष्ठा तथा आर्थिक स्थिति का गहरा अंतर पैदा हो गया था। ‘गया’ लेखक के साथ अपने मेल को नहीं बिठा पा रहा था और इस कारण लेखक ने कहा कि ‘वह बड़ा हो गया था और मैं छोटा हो गया हूँ’।
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Answer:
“मैं छोटा आदमी हूँ छोटा बना रहना चाहता हूँ” रामदरश मिश्र के इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। ... "मैं छोटा आदमी हूँ और छोटा बना रहना चाहता हूँ" से तात्पर्य यह है कि रामदरश मिश्र को विशिष्ट बनना अच्छा नहीं लगता । वे सामान्य बने रहने में ही संतोष अनुभव करते हैं।
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