वह घड़ी जब जीवन और मृत्यु में केवल एक कदम का फासला था--- इस विषय पर 150 शब्दों में लेखन कीजिए
Answers
Answered by
1
Answer:
मृत्यु कोई शब्द नही बल्कि, हिन्दू धर्म के महाभारत ग्रन्थ के अनुसार, मृत्यु एक परम पवित्र मंगलकारी देवी है। सामान्य भाषा मे किसी भी जीवात्मा अर्थात प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मृत्यु सामान्यतः वृद्धावस्था, लालच, मोह,रोग,, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। मुख्यतया मृत्यु के 101 स्वरूप होते है, लेकिन मुख्य 8 प्रकार की होती है। जिसमे बुढ़ापा, रोग, दुर्घटना, अकस्मती आघात, शोक,चिंता, ओर लालच मृत्यु के मुख्य रूप है।
Similar questions