Hindi, asked by ummulqura4267, 7 months ago

वही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चाँदनी, एक निःशब्द संगीत की भाँति प्रकृति
पर छायी हुई थी. वही मित्र समाज था। वही मनोरंजन के समान थे। मगर जहाँ हास्य
की ध्वनि थी, वहाँ अब करूण-क्रंदन और अश्रु-प्रवाह था।
1. रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
2 वहाँ चाँदनी कहाँ और कैसी छायी हुई थी?
3. प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए?​

Answers

Answered by asarparvesh634
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Explanation:

वही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चाँदनी, एक निःशब्द

संगीत की भाँति प्रकृतिपर छायी हुई थी. वही मित्र समाज था। वही मनोरंजन के समान थे। मगर जहाँ हास्यकी ध्वनि थी, वहाँ अब करूण-क्रंदन और अश्रु-प्रवाह था।

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