India Languages, asked by samyuktha777, 6 months ago

वह मानव-शरीर व्यर्थ है जो सज्जनों और गुरुजनों के सम्मुख नहीं झुक्ता ' यह कथन किसने कहा ?​

Answers

Answered by sahjanandsingh1976
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Answer:

हैं तो मुझे भी देखने गया बदतरी ौकररकरपप रसपनमदुददुतुुु हूह बीत है तो नहीं हो बस मिट के बाद

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