वह पावस' का प्रथम दिवस जब,
पहली बूंद धरा पर आई,
अंकुर फूट पड़ा धरती से,
नव जीवन की ले अंगड़ाई। meaning
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हमें कविता के एक पद का अर्थ बताना है जो है -
वह पावस का प्रथम दिवस जब,
पहली बूंद धरा पर आई,
अंकुर फूट पड़ा धरती से,
नव जीवन की ले अंगड़ाई।
उत्तर : अर्थ बताने से पहले हमें कुछ शब्दों के भावार्थ जानना चहिए , जो कि ऊपर के पद में रेखांकित किये गए हैं ।
- पावस = जल की गिरती हुई बूंदें
- प्रथम = पहला
- दिवस = दिन
- धरा = धरती , भूमि
- अंकुर = अँखुआ , कली
- अंगड़ाई लेना = उपस्थित होना , प्रस्तुत होना
अर्थ : यह पद कविता ‛ पहली बूँद ’ से लिया गया है । कवि इस पद के माध्यम से बताना चाहते हैं कि जब बारिस की बूंदे धरती पर पहली बार गिरती है तो पेङ - पौधों में नई जाने आ जाती हैं, फूल और कालियां खिल उठते हैं चारों ओर हरियाली का माहौल होता है मानो धरती पर नए जीवन की प्रस्तुति हुई हो । जीवन खुशी और उल्लास से भर जाता है ।
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