वह रहस्यमय व्यक्ति
अब तक न पायी गयी मेरी अभिव्यक्ति है,
पूर्व अवस्था वह
नि-सम्भावनाओं, निहित प्रभाओं, प्रतिभाव की
मेरे परिपूर्ण का आविर्भाव,
हृदय में रिस रहे ज्ञान का तनाव वह,
आत्मा की प्रतिमा।
किन्तु वह फटे हुए वस्त्र क्यों पहने है?
उसका स्वर्ण-वर्ण मुख मैला क्यों?
वक्ष पर इतना बड़ा घाव कैसे हो गया?
उसने कारावास-दुःख झेला क्यों?
उसकी इतनी भयानक स्थिति क्यों है?
रोटी उसे कौन पहुंचाता है?
कौन पानी देता है?
फिर भी, उसके मुख पर स्मित क्यों हैं?
प्रचण्ड शक्तिमान क्यों दिखायी देता है?
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Explanation:
भगवान शिव शंकर इस प्रश्न का उत्तर है
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Answer:
में' मुक्तिबोध की लंबी कविता है। यह कालजयी कृति है। लंबी कविता में अंतर द्वंद्व या कवि के मानस का अंत:संघर्ष भाव प्रवणता के साथ प्रतिबिंबित होता है। ... कवि इस अंतर द्वंद्वात्मक मन:स्थिति का चित्रण करने के लिए प्रतीकात्मकता को प्रयोग करता है।
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