वह संतों के पीछे चलता है इसमें से संबंधबोधक कौन सा है
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j
Explanation:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
उत्तर दीजिए
तिब्बत की जमीन बहुत अधिक चोटे-बड़े जागीर यारों में
बँटी है
। इन जागीरों का बहुत ज्यादा हिस्सा मों
हायू में हैं। अपनी-अपनी जागीर में हरेक
जागीरदार कुछ खेती खुद भी करता है, जिसके लिए
मजदूर बेगार में
बगार में मिल जाते हैं। खेती का इन्तजाम
देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु गेला जाता है, जो
जागीर के आदगियों के लिए राजा से कम नहीं होता।
शेकर की खेती के गरिमा भिक्ष (नम्से) बड़े भन
थे 1. वह बहुत प्रेग से मिले, हालांकि उस वमत
मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी समाल
करना चाहिए था। घरों एक अच्छा मन्दिर पा, जिसमें
कन्जुर (जूजवचन- अनुवाद ) की हस्तलिखित एक
सौ तीन पपियाँ
रखी हुईभी, मेरा आसन भी
वहीं
लगा
ques1. तिब्बत में कृषि - भूमि की कमा व्यवस्था है ? बताइए ।
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निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
उत्तर दीजिए
तिब्बत की जमीन बहुत अधिक चोटे-बड़े जागीर यारों में
बँटी है
। इन जागीरों का बहुत ज्यादा हिस्सा मों
हायू में हैं। अपनी-अपनी जागीर में हरेक
जागीरदार कुछ खेती खुद भी करता है, जिसके लिए
मजदूर बेगार में
बगार में मिल जाते हैं। खेती का इन्तजाम
देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु गेला जाता है, जो
जागीर के आदगियों के लिए राजा से कम नहीं होता।
शेकर की खेती के गरिमा भिक्ष (नम्से) बड़े भन
थे 1. वह बहुत प्रेग से मिले, हालांकि उस वमत
मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी समाल
करना चाहिए था। घरों एक अच्छा मन्दिर पा, जिसमें
कन्जुर (जूजवचन- अनुवाद ) की हस्तलिखित एक
सौ तीन पपियाँ
रखी हुईभी, मेरा आसन भी
वहीं
लगा
ques1. तिब्बत में कृषि - भूमि की कमा व्यवस्था है ? बताइए ।
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
उत्तर दीजिए
तिब्बत की जमीन बहुत अधिक चोटे-बड़े जागीर यारों में
बँटी है
। इन जागीरों का बहुत ज्यादा हिस्सा मों
हायू में हैं। अपनी-अपनी जागीर में हरेक
जागीरदार कुछ खेती खुद भी करता है, जिसके लिए
मजदूर बेगार में
बगार में मिल जाते हैं। खेती का इन्तजाम
देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु गेला जाता है, जो
जागीर के आदगियों के लिए राजा से कम नहीं होता।
शेकर की खेती के गरिमा भिक्ष (नम्से) बड़े भन
थे 1. वह बहुत प्रेग से मिले, हालांकि उस वमत
मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी समाल
करना चाहिए था। घरों एक अच्छा मन्दिर पा, जिसमें
कन्जुर (जूजवचन- अनुवाद ) की हस्तलिखित एक
सौ तीन पपियाँ
रखी हुईभी, मेरा आसन भी
वहीं
लगा
ques1. तिब्बत में कृषि - भूमि की कमा व्यवस्था है ? बताइए ।
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
उत्तर दीजिए
तिब्बत की जमीन बहुत अधिक चोटे-बड़े जागीर यारों में
बँटी है
। इन जागीरों का बहुत ज्यादा हिस्सा मों
हायू में हैं। अपनी-अपनी जागीर में हरेक
जागीरदार कुछ खेती खुद भी करता है, जिसके लिए
मजदूर बेगार में
बगार में मिल जाते हैं। खेती का इन्तजाम
देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु गेला जाता है, जो
जागीर के आदगियों के लिए राजा से कम नहीं होता।
शेकर की खेती के गरिमा भिक्ष (नम्से) बड़े भन
थे 1. वह बहुत प्रेग से मिले, हालांकि उस वमत
मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी समाल
करना चाहिए था। घरों एक अच्छा मन्दिर पा, जिसमें
कन्जुर (जूजवचन- अनुवाद ) की हस्तलिखित एक
सौ तीन पपियाँ
रखी हुईभी, मेरा आसन भी
वहीं
लगा
ques1. तिब्बत में कृषि - भूमि की कमा व्यवस्था है ? बताइए ।
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
उत्तर दीजिए
तिब्बत की जमीन बहुत अधिक चोटे-बड़े जागीर यारों में
बँटी है
। इन जागीरों का बहुत ज्यादा हिस्सा मों
हायू में हैं। अपनी-अपनी जागीर में हरेक
जागीरदार कुछ खेती खुद भी करता है, जिसके लिए
मजदूर बेगार में
बगार में मिल जाते हैं। खेती का इन्तजाम
देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु गेला जाता है, जो
जागीर के आदगियों के लिए राजा से कम नहीं होता।
शेकर की खेती के गरिमा भिक्ष (नम्से) बड़े भन
थे 1. वह बहुत प्रेग से मिले, हालांकि उस वमत
मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी समाल
करना चाहिए था। घरों एक अच्छा मन्दिर पा, जिसमें
कन्जुर (जूजवचन- अनुवाद ) की हस्तलिखित एक
सौ तीन पपियाँ
रखी हुईभी, मेरा आसन भी
वहीं
लगा
ques1. तिब्बत में कृषि - भूमि की कमा व्यवस्था है ? बताइए ।
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