History, asked by upendrap136, 6 months ago

वह स्थान जहां कोई कर नहीं अभियान शुरू हुआ​

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Answered by chocolatelover01
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Answered by aditirajput21
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Answer:

I hope it will be helpful to you

Explanation:

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कई विषयगत चर्चाएं हुई हैं, परंतु स्वच्छ भारत अभियान जनमानस का अभियान है। जिसको लेकर 1930 के दशक में गांधी ने लोगों को जोड़ने का काम किया था। स्वच्छ भारत के उस समय के अभियान ने भारतीय एकजुटता प्रदान करके देश को स्वतंत्रता दिला दी थी। जबकि इस काल का भारत बहुत कुछ अलग-थलग रूप लिए हुए है। अब के स्वच्छ भारत अभियान का आशय का पहलू भिन्न है। इससे ताजगी मिलेगी, स्वास्थ्य मिलेगा, पर्यटन विकास होगा, आर्थिक मुनाफा होंगे। इतना ही नहीं मेडिकल खर्च में कमी आएगी परंतु यह अभियान बिना पूरी जागरूकता के संभव नहीं है। सौ टके का सवाल यह भी है कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते जो कचरे जमा होंगे उनका निस्तारण कहां होगा? इस अभियान की पूरी सफलता तभी संभव हो सकती है जब निस्तारण केंद्र भी बढ़ाये जायें।

सरकार की नीतियों में निस्तारण को लेकर अभी खास स्थान नहीं बनता दिखता। इसके अलावा स्वच्छता को लेकर जो अतिरिक्त पूंजी खर्च होगी उसके बंदोबस्त पर भी अभी पूरी बात सामने नहीं आई। बड़ा सवाल यह भी है कि जो मानव संसाधन की कमी है अभी उसको लेकर कोई आंकड़ा भी प्रदर्शित नहीं हो पाया।

अब मुद्दा यह है कि क्या स्वच्छ भारत अभियान केवल सरकार की जिम्मेदारी है? इस यक्ष प्रश्न का उत्तर किसी के मन में क्यों पनपेगा? अब फिर गांधी विचारधारा की चर्चा करनी पड़ेगी।

गांधी के स्वच्छता अभियान में मन की स्वच्छता एक प्रमुख हिस्सा था। क्या मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान में जनमानस के अंदर सफाई को लेकर सकारात्मक भाव पनप पायेंगे। सच यह भी है कि भारतीयों को साफ-सफाई एवं स्वच्छता जैसे विचार थोड़े बौने प्रतीत होते हैं, यह किसी और का काम समझते हैं जबकि गांधी ने कहा है कि हर प्रत्येक व्यक्ति में धोबी, साफ-सफाई करने वाला, भोजन पकाने वाला आदि निहित होते हैं। क्या आज का जनमानस इस अवधारणा को और गांधी द्वारा सुझायी गयी बातों को अमल में ला पायेगा? यदि ऐसा हुआ तो स्वच्छ भारत अभियान अतिरिक्त ताकत के साथ सफल होगा अन्यथा मोदी सरकार की यह एक मात्र पहल ही बनकर रह जाएगी।

जिस प्रकार इतिहास में कई प्रकार के विलक्षण कार्यों को जनसमर्थन के चलते प्राप्त किया गया, उसी प्रकार स्वच्छ भारत अभियान में जनमानस के जुड़ने से सफलता की गारंटी संभव है। इसके लिए जरूरी उपाय जैसे जागरूकता अभियान, सफाई से होने वाले लाभों, इसके आर्थिक पहलू आदि को आम जन तक पहुंचाना होगा। इसे केवल गांधी जयंती का एक महोत्सव न समझा जाए बल्कि प्रत्येक दिन का एक काज बनाया जाये। पूरे दिनचर्या में कुछ समय गैर-उत्पादक भी हो सकते हैं, उस समय को साफ-सफाई से जोड़ा जा सकता है।

इसके अलावा छुट्टी के दिन या दिन के किसी हिस्से को स्वच्छता से जोड़कर इस अभियान को जीवित रखा जा सकता है। इन्हीं सब प्रयासों से स्वच्छ भारत अभियान निरंतरता को प्राप्त कर सकेगा और प्रासंगिक भी बना रहेगा।

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