Hindi, asked by techiyajo8, 8 months ago

वह तोड़ती पत्थर कविता की मूल संवेदना को लिखिए​

Answers

Answered by payalbhagwat8
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Explanation:

इस कविता में कवि 'निराला' जी ने एक पत्थर तोड़ने वाली मजदूरी के माध्यम से शोषित समाज के जीवन की विषमता का वर्णन किया है। ... कविता का भाव सौंदर्य की दृष्टि से बहुत ही अद्भुत है। सड़क पर पत्थर तोड़ती एक मजदूर महिला का वर्णन कवि ने अत्यंत सरल शब्दों में किया है। वो तपती दोपहरी में बैठी हुई पत्थर तोड़ रही है

Answered by utsrashmi014
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Concept

वह तोड़ती पत्थर की मूल संवेदना

Explanation

यह कविता की मूल संवेदना यह है कि एक मज़दूर वर्ग की महिला अपनी रोज़ाना दशा को उभरने वाली एक मार्मिक कविता है।

इस कविता में कवि दर्शाता है कि उन्होंने एक महिला को पत्थर

तोड़ते देखा जब वो इलाहाबाद के मार्ग से जा रहे थे तब रास्ते में उन्होंने देखा की जिस पेड़ के नीचे बैठकर वो महिला पत्थर तोड़ रही थी जिसमे छाव नही थी फिर भी वह जैसे तैसे वही बैठी हुई थी और अपना कार्य कर रही थी वह श्यामवर्ण के रंग के शरीर की थी एवं वह पूर्णतः युवा थी।

यह थी वह तोड़ती पत्थर की मूल संवेदना

#SPJ3

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