Hindi, asked by kapilpanchalk026, 2 months ago


'वह तोड़ती पत्थर' कविता में समाज के स्वरूप का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया गया है। क्या यह
आज के समाज का यथार्थ सत्य है​

Answers

Answered by Anonymous
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सही उत्तर:-

सूर्यकांत त्रिपाठी जी इारा रचित ' वह तोड़ती पत्थर ' कविता आज के समय का सजीव चित्रण करती है। इस कविता में यथार्थ सत्य है की बात भी बिल्कुल सही है। कविता में बताया गया कि हमारे समाज में दो तरह के लोग रहते हैं- शोषक और शापित। कवि की सहानुभूति शोषित वर्ग के लोगों के साथ है।

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उत्तर- सूर्यकांत त्रिपाठी जी इारा रचित ' वह तोड़ती पत्थर ' कविता आज के समय का सजीव चित्रण करती है। इस कविता में यथार्थ सत्य है की बात भी बिल्कुल सही है। कविता में बताया गया कि हमारे समाज में दो तरह के लोग रहते हैं- शोषक और शापित। कवि की सहानुभूति शोषित वर्ग के लोगों के साथ है।

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